पन्नगभूषणम्
पाहिमाम् परमशिवम्॥
जय जय जय श०भॊ श०करम्
जय प्रपन्नपारिजातम्
पार्वतीपतिम्॥
गरळकण्ठम् त्वम्
भुजन्गधारिणम्
पाहिमाम् परमशिवम्
करुणाकरम् शिवम् ॥
प्रळयाग्निनेत्रम्
सूर्यचन्द्र नयनम्
भस्मान्ग लॆपनम्
शिवगन्गावतरणम्